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बाल संस्कारशाला

प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ (PYP) पटना में लगभग 50 स्थानों पर "बाल संस्कारशाला" चलाता है। ये संस्कारशालाएँ पटना के झुग्गी-झोपड़ियों के लगभग 20,000 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और संस्कार योजनाएँ प्रदान करती हैं। "बाल संस्कारशाला" का उद्देश्य बच्चों को न केवल शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करना है, बल्कि उन्हें सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों से भी परिचित कराना है। इस पहल का उद्देश्य इन वंचित बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है ताकि वे समाज के जिम्मेदार और सशक्त नागरिक बन सकें। पटना में पढ़ाई या तैयारी के लिए आने वाले युवा गायत्री परिवार और प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ से जुड़कर नियमित रूप से 2 घंटे का समय निकालकर इन बच्चों को पढ़ाते हैं। ये युवा स्वयंसेवक बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ उनमें विनम्रता, अनुशासन और आत्मविश्वास भी विकसित करते हैं। इस पहल से न केवल बच्चों को लाभ मिलता है, बल्कि युवा स्वयंसेवकों को समाज सेवा का बहुमूल्य अनुभव भी मिलता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से युवा अपने ज्ञान और समय का उपयोग करके समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। "बाल संस्कारशाला" के मुख्य उद्देश्य:-

निःशुल्क शिक्षा: वंचित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना।

नैतिक शिक्षा: बच्चों में बुनियादी मूल्यों और संस्कृति का संचार करना।

व्यक्तित्व विकास: आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व गुणों का विकास करना।

सामाजिक समावेशन: समाज के सभी वर्गों के बीच समानता और सद्भाव को बढ़ावा देना।

इन उद्देश्यों के साथ, PYP बिहार समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और उन्हें उज्जवल भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।